ब्रिटेन में बिना सहमति के 'डीपफेक' तस्वीरें बनाने पर होगी जेल

कलम की आवाज़
0

ब्रिटेन में बिना सहमति के 'डीपफेक' तस्वीरें बनाने पर होगी जेल, सुनक सरकार ने घोषित किया अपराध




लंदन: ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को कहा कि अश्लील 'डीपफेक' सामग्री बनाने वाले लोगों को एक नए कानून के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। यह कानून इस समय संसदीय प्रक्रिया से गुजर रहा है। 'डीपफेक' से आशय ऐसी छवियों और वीडियो से है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)अथवा अन्य तकनीकों से तैयार की जाती हैं और जिसमें आमतौर पर पीड़ित की सहमति नहीं होती।


ब्रिटिश सरकार ने डीपफेक तस्वीरों के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लिया है। सरकार ने बिना सहमति के डीपफेक तस्वीरें बनाने को अपराध घोषित कर दिया है। अब ऐसा करने वालों को गंभीर आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और उन्हें जेल भी हो सकती है। डीपफेक टेक्नोलॉजी इस समय पूरी दुनिया में एक बड़ी समस्या बन गई है।


ब्रिटिश मंत्री बोलीं- डीपफेक निंदनीय और अस्वीकार्य

नए कानून के तहत बिना सहमति के इस तरह की तस्वीरें बनाने वाले लोगों को आपराधिक कार्यवाही और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। कानून में प्रस्तावित प्रावधान के अनुसार अगर 'डीपफेक' सामग्री व्यापक रूप से फैल जाती है तो दोषियों को जेल भेजा जा सकता है। ब्रिटेन की मंत्री लौरा फेरिस ने कहा, ''डीपफेक से बनाई गईं अश्लील तस्वीरें निंदनीय और पूरी तरह अस्वीकार्य हैं।''


डीपफेक वीडियो को पहचानना मुश्किल

डीपफेक वीडियो देखने में लगभग असली की तरह लगता है, लेकिन उसे पहचानना नामुमकिन नहीं है। ऐसे वीडियो को पहचानने के लिए बहुत बारीक निगाह रखने की जरूरत है। वीडियो में किसी के चेहरे से एक्सप्रेशन, आंखों की मूवमेंट और बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देकर डीपफेक वीडियो को पहचाना जा सकता है। इसके अलावा बॉडी कलर से भी डीप फेक वीडियो की सत्यता की पुष्टि की जा सकती है। साधारणतया ऐसे फोटो और वीडियो में चेहरे और बॉडी का कलर थोड़ा सा मिसमैच होता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top