प्रेम के खतरों से आगाह करने के लिए विद्यार्थियों को दिखाई 'द केरल स्टोरी'
सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन पर प्रसारित फिल्म 'द केरल स्टोरी' को लेकर एक तरह तो केरल की राजनीति गरमाई रही, वहीं एक आर्थोडक्स चर्च से जुड़े इडुक्की क्षेत्र में प्रेम संबंध में पड़ने से जुड़े खतरों से आगाह करने के लिए इस फिल्म को विशेष रूप से छात्र-छात्राओं को दिखाया गया । मतांतरण से बचाने के लिए किशोरवय के बच्चों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत यह फिल्म दिखाई गई है। फिल्म निर्देशक सुदिप्तो सेन की बालीवुड फिल्म 'द केरल स्टोरी' कुछ सत्य घटनाओं पर आधारित है, जिसमें दिखाया गया है कि केरल की कुछ हिंदू व ईसाई लड़कियों को गुमराह करके उनका मतांतरण किया गया और उन्हें आतंकी संगठन आइएस में भर्ती किया गया। सीरियन मालाबार कैथोलिक चर्च के तहत आने वाले इडुक्की में इस फिल्म को दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के बच्चों ।को दिखाया गया। सोमवार को इस बात के स्थानीय अखबारों में सुर्खियां बटोरने पर ईसाई संगठन के मीडिया प्रभारी और पादरी जिन्स कराकत ने स्पष्ट किया कि प्रेम संबंधों के प्रति जागरूकता के लिए इस फिल्म को दिखाया गया है। बच्चे अक्सर ऐसे रिश्तों में पड़कर खतरा मोल ले लेते हैं। उन्होंने बताया कि छुट्टियों के दौरान हर साल किसी खास विषय पर बच्चों को कार्यक्रम दिखाए जाते हैं और किताबें दी जाती हैं। इस साल यह कार्यक्रम 2, 3 और 4 अप्रैल को आयोजित हुआ। प्रेम में पड़ने और उससे होने वाले खतरों के प्रति उन्हें जागरूक किया जाना था। बच्चों यह बात प्रभावी तरीके से समझाने के लिए उन्हें 'द केरल स्टोरी' दिखाई और वाट्सएप ग्रूप पर इसकी चर्चा करने और फिल्म समीक्षा लिखने को कहा गया। ज्ञात हो, छात्र छात्राओं के लिए केरल में यह विशेष स्क्रीनिंग तब हुई जब दूरदर्शन पर इस फिल्म के प्रसारण को रूकवाने के लिए माकपा व कांग्रेस चुनाव आयोग तक चले गए। प्रदेश के सत्तारूढ़ दल ने भी इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए इसे भाजपा व संघ की प्रचार मशीन कहा था ।